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@kabita29
बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं,
वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है।


@kabita29
बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं,
वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है।


@kabita29
दिल है कदमों पे किसी के सर झुका हो या न हो,
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो।


@kabita29
थोड़ी खुद्दारी भी लाजिमी थी दोस्तो,
उसने हाथ छुड़ाया तो हमने छोड़ दिया।


@kabita29
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।


@kabita29
की मोहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया,
हम अगर प्यार न करते तो हुकूमत करते।


@kabita29
हम भी बरगद के दरख़्तों की तरह हैं,
जहाँ दिल लग जाए वहाँ ताउम्र खड़े रहते हैं।

@kabita29
खूबसूरत क्या कह दिया उनको, वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए,
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, जब तराश दिया तो खुदा हो गए।


@kabita29
खूबसूरत क्या कह दिया उनको, वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए,
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, जब तराश दिया तो खुदा हो गए।


@kabita29
खूबसूरत क्या कह दिया उनको, वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए,
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, जब तराश दिया तो खुदा हो गए।


@kabita29
खूबसूरत क्या कह दिया उनको, वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए,
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, जब तराश दिया तो खुदा हो गए।


@kabita29
खूबसूरत क्या कह दिया उनको, वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए,
तराशा नहीं था तो पत्थर थे, जब तराश दिया तो खुदा हो गए।




